अध्याय 90
“मरे हुओं को ज़िंदा करनेवाला”
-
लाज़र की मौत के बाद यीशु बैतनियाह जाता है
-
“मरे हुओं को ज़िंदा करनेवाला और उन्हें जीवन देनेवाला”
यीशु पेरिया से निकल पड़ता है और बैतनियाह आ जाता है। यह गाँव यरूशलेम से करीब तीन किलोमीटर दूर पूरब में है। मारथा और मरियम बहुत दुखी हैं, क्योंकि उनके भाई लाज़र की मौत हो गयी है। बहुत-से लोग उन्हें दिलासा देने आए हैं।
कोई मारथा को बताता है कि यीशु आ रहा है और वह उससे मिलने दौड़ी-दौड़ी जाती है। वह यीशु से कहती है, “प्रभु, अगर तू यहाँ होता तो मेरा भाई न मरता। मगर मैं अब भी जानती हूँ कि तू परमेश्वर से जो कुछ माँगेगा, वह तुझे दे देगा।” (यूहन्ना 11:21, 22) वह मानती है कि यीशु उसके भाई को ज़िंदा कर सकता है।
यीशु उससे कहता है, “तेरा भाई ज़िंदा हो जाएगा।” मारथा सोचती है कि यीशु भविष्य की बात कर रहा है कि लाज़र उस वक्त ज़िंदा होगा जब धरती पर मरे हुओं को ज़िंदा किया जाएगा। अब्राहम और दूसरे लोगों की भी यही आशा थी। मारथा कहती है, “मैं जानती हूँ कि आखिरी दिन जब मरे हुओं को ज़िंदा किया जाएगा, तब वह ज़िंदा हो जाएगा।”—यूहन्ना 11:23, 24.
मगर क्या यीशु अभी लाज़र को ज़िंदा कर सकता है? यीशु मारथा को बताता है कि परमेश्वर ने उसे मौत पर जीत हासिल करने की ताकत दी है: “जो मुझ पर विश्वास करता है वह चाहे मर भी जाए, तो भी ज़िंदा किया जाएगा। और हर कोई जो ज़िंदा है और मुझ पर विश्वास करता है, वह कभी नहीं मरेगा।”—यूहन्ना 11:25, 26.
यीशु यह नहीं कह रहा है कि उसके जो चेले उस वक्त ज़िंदा हैं, वे कभी नहीं मरेंगे। उन्हें भी यीशु की तरह मरना होगा। (मत्ती 16:21; 17:22, 23) लेकिन यीशु पर विश्वास करनेवालों को हमेशा की ज़िंदगी मिल सकती है। उनमें से जिनकी मौत हो जाएगी, उन्हें ज़िंदा करके हमेशा की ज़िंदगी दी जाएगी। और दुनिया के अंत से पहले परमेश्वर के जो सेवक जी रहे होंगे, वे नहीं मरेंगे और उन्हें भी हमेशा की ज़िंदगी दी जाएगी। दोनों ही सूरत में एक इंसान को हमेशा के लिए मरना नहीं पड़ेगा।
यीशु ने थोड़ी देर पहले कहा था, “मरे हुओं को ज़िंदा करनेवाला और उन्हें जीवन देनेवाला मैं ही हूँ।” क्या वह अभी लाज़र को भी ज़िंदा कर सकता है जिसकी मौत को चार दिन हो गए हैं? यीशु मारथा से पूछता है, “क्या तू इस पर यकीन करती है?” वह कहती है, “हाँ प्रभु, मुझे यकीन है कि तू परमेश्वर का बेटा मसीह है, जिसे दुनिया में आना था।” मारथा को पूरा विश्वास है कि यीशु उसी दिन लाज़र को ज़िंदा कर सकता है। इसलिए वह दौड़कर घर जाती है और मरियम से अकेले में कहती है, “गुरु आ चुका है और तुझे बुला रहा है।” (यूहन्ना 11:25-28) मरियम उसके साथ चल पड़ती है। फिर कई लोग उनके पीछे-पीछे आने लगते हैं। वे सोचते हैं कि मरियम लाज़र की कब्र के पास जा रही है।
मगर मरियम यीशु के पास जाती है। वह रोती हुई उसके पैरों पर गिर पड़ती है। वह भी कहती है, “प्रभु, अगर तू यहाँ होता तो मेरा भाई न मरता।” मरियम और बाकी लोगों को रोते हुए देखकर यीशु का दिल तड़प उठता है और वह भी रो पड़ता है। लोग देख सकते हैं कि यीशु लाज़र से कितना प्यार करता था। मगर कुछ लोग कहते हैं, ‘जब यीशु एक जन्म के अंधे को चंगा कर सकता है, तो वह लाज़र को मरने से क्यों नहीं बचा सका?’—यूहन्ना 11:32, 37.