पहले पेज का विषय | मुसीबत का दौर कैसे करें पार
जब कोई कहर टूट पड़े
आज नहीं तो कल, हममें से किसी को भी किसी-न-किसी तरह की विपत्ति से जूझना पड़ सकता है। यहाँ तक कि उन्हें भी जिन्हें देखकर शायद लगे कि उनके पास सबकुछ है, उनके साथ कभी कुछ बुरा नहीं होगा।
पवित्र शास्त्र कहता है:
“न तो दौड़ में वेग दौड़नेवाले और न युद्ध में शूरवीर जीतते; न बुद्धिमान लोग रोटी पाते न समझवाले धन, और न प्रवीणों पर अनुग्रह होता है; वे सब समय और संयोग के वश में” हैं। —सभोपदेशक 9:11.
तो फिर सवाल यह नहीं कि हम पर कोई मुसीबत आएगी या नहीं बल्कि सवाल यह है, मुसीबत आने पर हम कैसे पेश आएँगे। जैसे:
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सोचिए, किसी कुदरती आफत में आपकी सारी धन-संपत्ति लुट गयी है, ऐसे में आप क्या करेंगे?
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या जाँच से पता चला है कि आपको कोई जानलेवा बीमारी है, आप क्या करेंगे?
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या फिर मौत ने आपके किसी अपने को आपसे छीन लिया है, ऐसे में आप क्या करेंगे?
इस पत्रिका के प्रकाशक, यहोवा के साक्षियों को पूरा यकीन है कि ऐसे हालात से उबरने में पवित्र शास्त्र बाइबल आपकी मदद कर सकती है। साथ ही, यह आपको ठोस सबूतों पर आधारित एक सुनहरी आशा दे सकती है। (रोमियों 15:4) कैसे? ज़रा आगे बताए तीन अनुभवों पर गौर कीजिए। (g14-E 07)