इस जानकारी को छोड़ दें

विषय-सूची को छोड़ दें

क7-च

यीशु की ज़िंदगी की खास घटनाएँ—गलील में बड़े पैमाने पर यीशु की सेवा (भाग 3) और यहूदिया में बाद की सेवा

वक्‍त

जगह

घटना

मत्ती

मरकुस

लूका

यूहन्‍ना

32, फसह के त्योहार के बाद

गलील झील; बैतसैदा

नाव से बैतसैदा जाते वक्‍त यीशु फरीसियों के खमीर से सावधान करता है; अंधे को ठीक करता है

16:5-12

8:13-26

   

कैसरिया फिलिप्पी का इलाका

राज की चाबियाँ; अपनी मौत और ज़िंदा होने के बारे में भविष्यवाणी करता है

16:13-28

8:27–9:1

9:18-27

 

शायद हेरमोन पहाड़

रूप बदलने का दर्शन; यहोवा की आवाज़

17:1-13

9:2-13

9:28-36

 

कैसरिया फिलिप्पी का इलाका

लड़के में से दुष्ट स्वर्गदूत निकालता है

17:14-20

9:14-29

9:37-43

 

गलील

दोबारा अपनी मौत की भविष्यवाणी करता है

17:22, 23

9:30-32

9:43-45

 

कफरनहूम

मछली के मुँह से मिले सिक्के से कर चुकाता है

17:24-27

     

राज में सबसे बड़ा कौन; भटकी हुई भेड़ और माफ न करनेवाले दास की मिसाल

18:1-35

9:33-50

9:46-50

 

गलील-सामरिया

यरूशलेम जाते वक्‍त चेलों को राज के लिए सबकुछ दरकिनार करने को कहता है

8:19-22

 

9:51-62

7:2-10

यहूदिया में यीशु की बाद की सेवा

वक्‍त

जगह

घटना

मत्ती

मरकुस

लूका

यूहन्‍ना

32, डेरों (या छप्परों) का त्योहार

यरूशलेम

त्योहार पर सिखाता है; उसे गिरफ्तार करने के लिए पहरेदार भेजे गए

     

7:11-52

कहता है “मैं दुनिया की रौशनी हूँ”; जन्म से अंधे आदमी को ठीक करता है

     

8:12–9:41

शायद यहूदिया

70 चेलों को भेजता है; वे खुशी-खुशी लौटते हैं

   

10:1-24

 

यहूदिया; बैतनियाह

दयालु सामरी की मिसाल; मरियम और मारथा के घर जाता है

   

10:25-42

 

शायद यहूदिया

आदर्श प्रार्थना फिर से सिखाता है; माँगते रहनेवाले दोस्त की मिसाल

   

11:1-13

 

परमेश्‍वर की उँगली से दुष्ट स्वर्गदूतों को निकालता है; फिर से योना का चिन्ह देता है

   

11:14-36

 

फरीसी के साथ खाना खाता है; फरीसियों के कपट के लिए उन्हें धिक्कारता है

   

11:37-54

 

मिसालें: मूर्ख अमीर आदमी और विश्‍वासयोग्य प्रबंधक

   

12:1-59

 

सब्त के दिन कुबड़ी औरत को चंगा करता है; राई के दाने और खमीर की मिसालें

   

13:1-21

 

32, समर्पण का त्योहार

यरूशलेम

अच्छे चरवाहे और भेड़शाला की मिसाल; यहूदी उसे पत्थरों से मार डालने की कोशिश करते हैं; यरदन के पार बैतनियाह के लिए रवाना होता है

     

10:1-39