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एस्तेर की किताब

अध्याय

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सारांश

  • 1

    • शूशन में राजा अहश-वेरोश की दावत (1-9)

    • रानी वशती ने आने से इनकार किया (10-12)

    • राजा ने अपने ज्ञानियों से सलाह की (13-20)

    • राजा ने फरमान निकाला (21, 22)

  • 2

    • नयी रानी की खोज (1-14)

    • एस्तेर, रानी बनी (15-20)

    • मोर्दकै ने साज़िश का परदाफाश किया (21-23)

  • 3

    • राजा, हामान को ऊँचा उठाता है (1-4)

    • यहूदियों को मिटाने की हामान की साज़िश (5-15)

  • 4

    • मोर्दकै मातम मनाता है (1-5)

    • वह एस्तेर से मदद माँगता है (6-17)

  • 5

    • एस्तेर, राजा के सामने गयी (1-8)

    • हामान का गुस्सा और घमंड (9-14)

  • 6

    • राजा, मोर्दकै को इज़्ज़त देता है (1-14)

  • 7

    • एस्तेर ने हामान का परदाफाश किया (1-6क)

    • हामान को उसी काठ पर लटका दिया गया (6ख-10)

  • 8

    • मोर्दकै को ऊँचा पद दिया गया (1, 2)

    • राजा से एस्तेर की बिनती (3-6)

    • राजा का दूसरा फरमान (7-14)

    • यहूदियों को मिली राहत और खुशी (15-17)

  • 9

    • यहूदियों की जीत (1-19)

    • पूरीम के त्योहार की शुरूआत (20-32)

  • 10

    • मोर्दकै को ऊँचा उठाना (1-3)