दिखाएँ बाइबल की किताबें उत्पत्ति निर्गमन लैव्यव्यवस्था गिनती व्यवस्थाविवरण यहोशू न्यायियों रूत 1 शमूएल 2 शमूएल 1 राजा 2 राजा 1 इतिहास 2 इतिहास एज्रा नहेमायाह एस्तेर अय्यूब भजन नीतिवचन सभोपदेशक श्रेष्ठगीत यशायाह यिर्मयाह विलापगीत यहेजकेल दानियेल होशे योएल आमोस ओबद्याह योना मीका नहूम हबक्कूक सपन्याह हाग्गै जकरयाह मलाकी मत्ती मरकुस लूका यूहन्ना प्रेषितों रोमियों 1 कुरिंथियों 2 कुरिंथियों गलातियों इफिसियों फिलिप्पियों कुलुस्सियों 1 थिस्सलुनीकियों 2 थिस्सलुनीकियों 1 तीमुथियुस 2 तीमुथियुस तीतुस फिलेमोन इब्रानियों याकूब 1 पतरस 2 पतरस 1 यूहन्ना 2 यूहन्ना 3 यूहन्ना यहूदा प्रकाशितवाक्य अध्याय 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 यूहन्ना के मुताबिक खुशखबरी अध्याय 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 सारांश 1 वचन इंसान बना (1-18) यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले की गवाही (19-28) यीशु, परमेश्वर का मेम्ना (29-34) यीशु के शुरूआती चेले (35-42) फिलिप्पुस और नतनएल (43-51) 2 काना में शादी; पानी को दाख-मदिरा में बदला (1-12) यीशु मंदिर को शुद्ध करता है (13-22) यीशु जानता है, इंसान के दिल में क्या है (23-25) 3 यीशु और नीकुदेमुस (1-21) दोबारा पैदा होना (3-8) परमेश्वर ने दुनिया से प्यार किया (16) यीशु के बारे में यूहन्ना की आखिरी गवाही (22-30) जो ऊपर से आता है (31-36) 4 यीशु और सामरी औरत (1-38) परमेश्वर की उपासना “पवित्र शक्ति और सच्चाई से” करना (23, 24) कई सामरियों ने यीशु का यकीन किया (39-42) यीशु ने अधिकारी के बेटे को ठीक किया (43-54) 5 बेतहसदा में बीमार आदमी ठीक किया गया (1-18) यीशु को उसके पिता ने अधिकार दिया है (19-24) जो मर गए हैं, वे यीशु की आवाज़ सुनेंगे (25-30) यीशु के बारे में गवाही (31-47) 6 यीशु 5,000 को खिलाता है (1-15) यीशु पानी पर चलता है (16-21) यीशु “जीवन देनेवाली रोटी” (22-59) यीशु की बात सुनकर कइयों का विश्वास डगमगा गया (60-71) 7 यीशु डेरों के त्योहार के लिए गया (1-13) त्योहार पर यीशु सिखाता है (14-24) मसीह के बारे में अलग-अलग राय (25-52) 8 पिता, यीशु के बारे में गवाही देता है (12-30) यीशु “दुनिया की रौशनी” है (12) अब्राहम के वंशज (31-41) “सच्चाई तुम्हें आज़ाद करेगी” (32) शैतान की औलाद (42-47) यीशु और अब्राहम (48-59) 9 यीशु एक जन्म के अंधे को ठीक करता है (1-12) फरीसी उस आदमी से सवाल-जवाब करते हैं (13-34) फरीसियों का अंधापन (35-41) 10 चरवाहा और भेड़शालाएँ (1-21) यीशु एक अच्छा चरवाहा है (11-15) “मेरी दूसरी भेड़ें भी हैं” (16) समर्पण के त्योहार पर यहूदियों से यीशु का सामना (22-39) बहुत-से यहूदियों ने नहीं विश्वास किया (24-26) “मेरी भेड़ें मेरी आवाज़ सुनती हैं” (27) बेटा, पिता के साथ एकता में है (30, 38) यरदन के उस पार कई लोगों ने विश्वास किया (40-42) 11 लाज़र की मौत (1-16) मरियम और मारथा को यीशु दिलासा देता है (17-37) यीशु, लाज़र को ज़िंदा करता है (38-44) यीशु को मार डालने की साज़िश (45-57) 12 मरियम, यीशु के पैरों पर तेल उँडेलती है (1-11) यीशु राजा की हैसियत से दाखिल होता है (12-19) यीशु अपनी मौत की भविष्यवाणी करता है (20-37) यहूदियों ने विश्वास नहीं किया जिससे भविष्यवाणी पूरी हुई (38-43) यीशु दुनिया को बचाने आया (44-50) 13 यीशु अपने चेलों के पैर धोता है (1-20) यीशु बताता है कि उसे पकड़वानेवाला यहूदा है (21-30) नयी आज्ञा (31-35) “अगर तुम्हारे बीच प्यार होगा” (35) यीशु ने कहा कि पतरस उसका इनकार करेगा (36-38) 14 सिर्फ यीशु ही पिता के पास जाने की राह (1-14) “मैं ही वह राह, सच्चाई और जीवन हूँ” (6) यीशु वादा करता है कि पवित्र शक्ति आएगी (15-31) “पिता मुझसे बड़ा है” (28) 15 अंगूर की सच्ची बेल की मिसाल (1-10) मसीह जैसा प्यार करने की आज्ञा (11-17) “क्या कोई इससे बढ़कर प्यार कर सकता है” (13) दुनिया यीशु के चेलों से नफरत करती है (18-27) 16 यीशु के चेलों को मौत का सामना करना पड़ सकता है (1-4क) पवित्र शक्ति का काम (4ख-16) चेलों का दुख खुशी में बदल जाएगा (17-24) यीशु ने दुनिया पर जीत हासिल की (25-33) 17 प्रेषितों के साथ यीशु की आखिरी प्रार्थना (1-26) हमेशा की ज़िंदगी के लिए परमेश्वर को जानना ज़रूरी (3) मसीही दुनिया के नहीं (14-16) “तेरा वचन सच्चा है” (17) ‘मैंने तेरा नाम बताया है’ (26) 18 यहूदा, यीशु के साथ गद्दारी करता है (1-9) पतरस तलवार चलाता है (10, 11) यीशु, हन्ना के पास ले जाया गया (12-14) पतरस पहली बार इनकार करता है (15-18) यीशु, हन्ना के सामने (19-24) पतरस दूसरी और तीसरी बार इनकार करता है (25-27) यीशु, पीलातुस के सामने (28-40) “मेरा राज इस दुनिया का नहीं है” (36) 19 यीशु को कोड़े लगाए गए, उसका मज़ाक उड़ाया गया (1-7) पीलातुस फिर से यीशु से सवाल-जवाब करता है (8-16क) यीशु को गुलगुता में काठ पर ठोंक दिया गया (16ख-24) यीशु अपनी माँ की देखभाल का इंतज़ाम करता है (25-27) यीशु की मौत (28-37) यीशु को दफनाया गया (38-42) 20 खाली कब्र (1-10) यीशु, मरियम मगदलीनी के सामने प्रकट होता है (11-18) यीशु, अपने चेलों के सामने प्रकट होता है (19-23) थोमा शक करता है; फिर यकीन करता है (24-29) इस खर्रे का मकसद (30, 31) 21 यीशु चेलों के सामने प्रकट होता है (1-14) पतरस बार-बार कहता है कि उसे यीशु से प्यार है (15-19) “मेरी छोटी भेड़ों को खिला” (17) यीशु के प्यारे चेले का भविष्य (20-23) समाप्ति (24, 25) पिछला अगला प्रिंट करें दूसरों को भेजें दूसरों को भेजें यूहन्ना—सारांश पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद यूहन्ना—सारांश हिंदी यूहन्ना—सारांश https://cms-imgp.jw-cdn.org/img/p/1001061100/univ/wpub/1001061100_univ_sqr_xl.jpg nwt यूहन्ना पेज 1755-1757