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योना की किताब

अध्याय

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सारांश

  • 1

    • योना ने यहोवा से दूर भागने की कोशिश की (1-3)

    • यहोवा एक भयंकर तूफान लाया (4-6)

    • योना मुसीबत की जड़ (7-13)

    • योना को तूफानी समुंदर में फेंका (14-16)

    • एक बड़ी मछली उसे निगल गयी (17)

  • 2

    • मछली के पेट में योना की प्रार्थना (1-9)

    • मछली ने उसे ज़मीन पर उगल दिया (10)

  • 3

    • योना परमेश्‍वर की आज्ञा मानकर नीनवे गया (1-4)

    • संदेश सुनकर नीनवे के लोगों ने पश्‍चाताप किया (5-9)

    • परमेश्‍वर ने नीनवे का नाश नहीं किया (10)

  • 4

    • योना भड़क उठा; मरना चाहता है (1-3)

    • यहोवा ने योना को दया की सीख दी (4-11)

      • “क्या तेरा गुस्से से भड़कना सही है?” (4)

      • घीए की बेल से सबक (6-10)