लूका के मुताबिक खुशखबरी
अध्याय
सारांश
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यीशु के साथ-साथ जानेवाली औरतें (1-3)
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बीज बोनेवाले की मिसाल (4-8)
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यीशु ने मिसालें क्यों दीं (9, 10)
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बीज बोनेवाले की मिसाल का मतलब समझाया (11-15)
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दीपक ढककर नहीं रखा जाता (16-18)
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यीशु की माँ और उसके भाई (19-21)
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यीशु तूफान शांत करता है (22-25)
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यीशु दुष्ट स्वर्गदूतों को सूअरों में भेजता है (26-39)
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याइर की बेटी; एक औरत यीशु का कपड़ा छूती है (40-56)
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12 चेलों को प्रचार की हिदायतें (1-6)
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हेरोदेस, यीशु के बारे में सुनकर उलझन में (7-9)
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यीशु ने 5,000 को खिलाया (10-17)
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पतरस बताता है कि यीशु ही मसीह है (18-20)
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यीशु की मौत की भविष्यवाणी (21, 22)
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सच्चा चेला कौन है (23-27)
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यीशु का रूप बदला (28-36)
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दुष्ट स्वर्गदूत के कब्ज़े में पड़ा लड़का ठीक हुआ (37-43क)
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यीशु एक बार फिर अपनी मौत की भविष्यवाणी करता है (43ख-45)
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चेले बहस करते हैं कि कौन बड़ा है (46-48)
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जो हमारे खिलाफ नहीं, वह हमारे साथ है (49, 50)
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सामरियों का एक गाँव यीशु को ठुकरा देता है (51-56)
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यीशु का चेला बनने के लिए क्या करें (57-62)
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फरीसियों का खमीर (1-3)
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परमेश्वर से डरो, इंसान से नहीं (4-7)
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मसीह को स्वीकार करनेवाला (8-12)
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मूर्ख अमीर आदमी की मिसाल (13-21)
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चिंता करना छोड़ दो (22-34)
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छोटा झुंड (32)
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जागते रहना (35-40)
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विश्वासयोग्य और विश्वासघाती प्रबंधक (41-48)
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शांति नहीं, फूट डालने (49-53)
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खास वक्त का मतलब समझना (54-56)
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झगड़े निपटाना (57-59)
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याजक, यीशु को मारने की साज़िश करते हैं (1-6)
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(7-13)
आखिरी फसह की तैयारी -
प्रभु के संध्या-भोज की शुरूआत (14-20)
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“मुझसे गद्दारी करनेवाले का हाथ मेरे साथ मेज़ पर है” (21-23)
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गरमा-गरम बहस कि किसे बड़ा समझा जाए (24-27)
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यीशु ने किया राज का करार (28-30)
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उसने कहा कि पतरस उसका इनकार करेगा (31-34)
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तैयार रहने की ज़रूरत; दो तलवारें (35-38)
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जैतून पहाड़ पर यीशु की प्रार्थना (39-46)
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यीशु की गिरफ्तारी (47-53)
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पतरस उसे जानने से इनकार करता है (54-62)
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यीशु की खिल्ली उड़ायी गयी (63-65)
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महासभा के सामने मुकदमा (66-71)
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