सच्चे दोस्त
1. ज़िंदगी होगी बड़ी मुश्किल जो चलना हो तनहा।
ज़रूरत है हमें दोस्तों की, ये जानता यहोवा।
पर जाएँ कहाँ? कहाँ मिलेंगे हमें ये सच्चे साथी?
याद करो कि वचन उसका क्या कहे।
(कोरस)
सच्चे दोस्त,
दुख में दें वो प्यार,
सुख में होते खुश,
मुसीबत में ना छोड़ें साथ,
गलती में दें डाँट,
सराहें अच्छे काम,
कि ना तुझसे छूटे जीवन राह
और सिखाएँ याह को रखना है आगे,
वो ही सच्चा दोस्त।
2. वचन कहे कि सच्चा दोस्त हमेशा करता प्यार।
गर हो अनबन तो झगड़ा ना कर, कर दुआ और कर दे माफ।
हो चाहें हम बूढ़े या हों जवान, रहना हमको है संग ही
और एक दिन हम सब होंगे फिरदौस में।
(कोरस)
सच्चे दोस्त,
दुख में दें वो प्यार,
सुख में होते खुश,
मुसीबत में ना छोड़ें साथ,
गलती में दें डाँट,
सराहें अच्छे काम,
कि ना तुझसे छूटे जीवन राह
और सिखाएँ याह को रखना है आगे,
वो ही सच्चा दोस्त।
(खास पंक्तियाँ)
ऐसा कोई
जिसे हो प्यारी तेरी याह की सेवा
देता जो मदद और बातों से राहत दे
वो ही सच्चा दोस्त।
(कोरस)
सच्चे दोस्त,
दुख में दें वो प्यार,
सुख में होते खुश,
मुसीबत में ना छोड़ें साथ,
गलती में दें डाँट,
सराहें अच्छे काम,
कि ना तुझसे छूटे जीवन राह
और सिखाएँ याह को रखना है आगे।
(कोरस)
सच्चे दोस्त,
दुख में दें वो प्यार,
सुख में होते खुश,
मुसीबत में ना छोड़ें साथ,
गलती में दें डाँट,
सराहें अच्छे काम,
कि ना तुझसे छूटे जीवन राह
और सिखाएँ याह को रखना है आगे,
वो ही सच्चा दोस्त।
वो ही सच्चा दोस्त।
ओ . . . वो . . . वो ही सच्चा दोस्त।