जोगाउँछु मेरो विश्वास
डाउनलोड:
१. बा-टो यो जुन रो-जेँ मै-ले छ साँ-चो। हो र साँ-चो?
थि-यो है अ-नेक प्रश्-न, सक्-दि-नँ सोध्-न
यो सं-सा-र-मा।
त-र चा-हन्-छु सत्-य नै रो-जूँ म स-धैँ।
ज-ब आउँ-छ सो-चाइ-मा शङ्-का मे-रो,
ह-टाउ-न-लाई यो
(कोरस)
माग्-छु म-दत य-हो-वा-लाई,
मन-को शङ्-का त्यो जित्-न-लाई।
विश्-वास मे-रो ब-ढाउ-न त्यो।
ढुक्-क छु है म सक्-छु जित्-न शङ्-का यो।
जो-गाउँ-छु है
मे-रो विश्-वास,
ब-ढाउँ-छु है।
२. चा-हन्-छ बा-टो बि-रा-ए-को सै-तान-ले चा-लै न-पाई।
सक्-दि-नँ आ-फै हिँड्-न, बा-टो प-हि-ल्याउ-न,
आ-फै-मा भर पर्-न।
त-र पर्-दि-नँ भ्रम-मा बह-किन्-नँ स-जि-लै।
व-चन याह-को छ सत्-य स-धैँ नै।
ढुक्-क छु स-धैँ म!
(कोरस)
माग्-छु म-दत य-हो-वा-लाई,
मन-को शङ्-का त्यो जित्-न-लाई।
विश्-वास मे-रो ब-ढाउ-न त्यो।
ढुक्-क छु है म सक्-छु जित्-न शङ्-का यो।
जो-गाउँ-छु है
मे-रो विश्-वास,
ब-ढाउँ-छु है।
(ब्रिज)
दि-ने-छन् या-ह-ले साथ हर-पल म-लाई।
भर पर्-छु स-धैँ उन-को व-चन-मा,
पाउ-न-लाई ज-वाफ मे-रो प्रार्-थ-ना-को
जो-गाउँ-छु है।
(कोरस)
माग्-छु म-दत य-हो-वा-लाई,
मन-को शङ्-का त्यो जित्-न-लाई।
विश्-वास मे-रो ब-ढाउ-न त्यो।
ढुक्-क छु स-धैँ म सक्-छु जित्-न शङ्-का मे-रो।
जो-गाउँ-छु है
मे-रो विश्-वास,
ब-ढाउँ-छु है।
जो-गाउँ-छु है,
मे-रो विश्-वास,
ब-ढाउँ-छु है।